छत्तीसगढ़

सम्मान के साथ जीए के अधिकार मरे के बाद घलो जारी रहिथे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -अभी हमर इहाँ ए देखे म आवत हे जी भैरा के कोनो मनखे कहूँ धरम परिवर्तन कर लेथे त वोकर गाँव वाले मन वो मनखे के मरे के बाद वोकर मृत देंह ल अपन गाँव म अंतिम संस्कार करे ले मना करथें.
   -हव जी कोंदा अभी बस्तर क्षेत्र म अइसन घटना बनेच देखे म आवत हे.. कोनो कोनो गाँव म तो अइसन घटना के चलत जबर मार-काट घलो देखे म आवत हे.
   -हव जी.. अइसन घटना के संबंध म अभी बिलासपुर हाईकोर्ट ह अपन निर्णय दिए हे के वो मरे मनखे ल अपन जन्मभूमि वाले गाँव म अंतिम संस्कार करे के संवैधानिक अधिकार होथे. हमर देश के संविधान के अनुच्छेद 21 म ए बात के स्पष्ट उल्लेख हे के मनखे ल सम्मान के साथ जीए के जेन अधिकार हे, वो ह वोकर मरे के बाद घलो लागू रहिथे, तेकर सेती वोकर मृत शरीर के अंतिम संस्कार वोकर गाँव म करे ले कोनो नइ रोक सकय.
   -अच्छा.. बने बात तो ए होही जी संगी के हमन मरे मनखे के अंतिम संस्कार खातिर झंझट करे के बलदा कुछू अइसन रद्दा निकालन तेमा लोगन ल धर्म परिवर्तन करे के जरूरते झन परय.. वो अपन मूल धर्म म ही मगन राहय.

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