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एमपॉक्स को लेकर एम्स ने जारी किए दिशा निर्देश, फिलीपींस ने कहा – नया एमपॉक्स मामला ‘घातक’ वेरिएंट नहीं

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। अफ्रीका के बाद दुनिया के कई देशों में मंकी पॉक्स के मामले सामने आए हैं। इसे लेकर केंद्र सरकार भी सतर्क है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। इस बीच फिलीपींस ने कहा कि नया एमपॉक्स मामला ‘घातक’ वेरिएंट नहीं है।

फिलीपींस के स्वास्थ्य सचिव टियोडोरो हर्बोसा ने बुधवार को कहा कि इस साल फिलीपींस द्वारा रिपोर्ट किया गया पहला एमपॉक्स मामला एक हल्का वेरिएंट है, न कि वैश्विक स्तर पर चिंता पैदा करने वाला घातक स्ट्रेन। हर्बोसा ने 33 वर्षीय फिलिपिनो शख्स को संक्रमित करने वाले वायरस के बारे में कहा, “यह पुराना वैरिएंट है।” उन्होंने हल्के क्लेड 2 वेरिएंट का जिक्र करते हुए कहा, “यह क्लेड 1बी जितना खतरनाक नहीं है।” उन्होंने कहा कि मरीज देश से बाहर नहीं गया था और वह अभी भी अस्पताल में “सीमित” है।

मंकी पॉक्स के मद्देनजर एम्स ने जारी किए दिशा निर्देश

वहीं भारत में एम्स ने मंगलवार को मंकीपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के इलाज के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं और आइसोलेशन में इलाज के लिए पांच बेड चिह्नित किए हैं। मंगलवार को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा गया है कि संदिग्ध रोगियों को तुरंत एक निर्दिष्ट आइसोलेशन क्षेत्र में रखा जाना चाहिए ताकि अन्य रोगियों और कर्मचारियों के साथ संपर्क कम से कम हो। इसके साथ मरीज के संपर्क में आए सभी लोगों को ट्रेस कर उन्हें भी निगरानी में रखा जाना चाहिए।

चेचक के रोगियों जैसे लक्षण

एम्स एसओपी के अनुसार मंकीपॉक्स एक वायरल बीमारी है, जिसमें चेचक के रोगियों जैसे लक्षण देखे जाते हैं। हालांकि ये नैदानिक रूप से कम गंभीर है। इस रोग के इलाज के लिए एम्स के आपातकालीन विभाग में ऐसे मामलों से निपटने के लिए आवश्यक कदमों का उल्लेख किया गया है।

मंकी पॉक्स के लक्षण

प्रोटोकॉल के अनुसार आगमन पर बुखार, दाने या पुष्टि किए गए मंकीपॉक्स मामलों के संपर्क के इतिहास वाले रोगियों को तत्काल मूल्यांकन के लिए चिह्नित किया जाना चाहिए। मंकी पॉक्स के लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, सूजन लिम्फ नोड्स, ठंड लगना, थकावट और विशेषता त्वचा के घाव शामिल हैं।

दिल्ली के इन अस्पतालों में होगा मंकी पॉक्स का इलाज

स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंकी पॉक्स के मरीजों के इलाज के लिए सफदरजंग, लेडी हार्डिंग और राम मनोहर लोहिया अस्पताल को नोडल अस्पताल बनाया गया है। इन अस्पतालों में पांच पांच बेड मंकी पॉक्स के लिए चिह्नित किए गए हैं।

बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मंकीपॉक्स के प्रकोप को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया है, जिससे बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, तेजी से पहचान करने और आगे फैलने से रोकने के लिए कड़े संक्रमण नियंत्रण उपायों की आवश्यकता बढ़ गई है।

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