छत्तीसगढ़

आसमान में बादलों की हल्की परत, तापमान में खास परिवर्तन नहीं

बाजार में भी चहल-पहल दिन में कम होने लगी है। अभी मई की शुरुआत में ये हाल है, जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि पारा और चढ़ेगा तब झुलसाने वाली गर्मी पड़ेगी। इस स्थिति में लोगों की परेशानी और बढ़ जाएगी।

अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज

अभी राहत नहीं आगे चढ़ेगा पारा

सतर्क रहने की जरूरत

बिलासपुर। न्यायधानी भीषण गर्मी की चपेट में है। तेज धूप के साथ गर्म हवाएं चल रही है। दिन का अधिकतम तापमान 41.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से एक डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग की माने तो गुरुवार को भी यही स्थिति रहेगी। मौसम वेधशाला के मौसम विज्ञानी डा. एचपी चंद्रा के मुताबिक बंगाल की खाड़ी से आने वाली नमी युक्त हवाओं की मात्रा में कमी होने के कारण प्रदेश में दो मई को मौसम शुष्क रहने की संभावना है। प्रदेश में अधिकतम तापमान में अगले तीन दिनों तक कोई विशेष परिवर्तन होने की संभावना नहीं है। इधर बिलासपुर में बुधवार को गर्मी का असर तेज था। लोग छांव की तलाश में इधर-उधर भटक रहे थे। घर की छत और दीवारें भी तपने लगी थीं। इन सबके बीच शीतल पेय की बिक्री भी बढ़ गई है। लोग शाम होते ही इनका आनंद ले रहे हैं। जबकि दोपहर में अधिकांश सड़कें सूनी हो जा रही हैं। बाजार में भी चहल-पहल दिन में कम होने लगी है। अभी मई की शुरुआत में ये हाल है, जिसे देखते हुए माना जा रहा है कि पारा और चढ़ेगा तब झुलसाने वाली गर्मी पड़ेगी। इस स्थिति में लोगों की परेशानी और बढ़ जाएगी।

आगे चढ़ेगा पारा

मौसम विशेषज्ञ अब्दुल सिराज खान का कहना है कि अप्रैल के मुकाबले मई का महीना अधिक गर्म रहेगा। अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर जा सकता है। फिलहाल आने वाले एक-दो दिनों में अभी गर्मी का असर 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। एक नया पश्चिमी विकशाप के सक्रिय होने से पांच मई के आसपास आसमान में हल्के बादल नजर आ सकते हैं। इसके बाद गर्मी का असर फिर तेज होगा। लू चलेगी।

सतर्क रहने की जरूरत

भीषण गर्मी के बीच आने वाले दिनों में अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। चिकित्सकों का भी कहना है कि तेज गर्मी के बीच लू लगने का खतरा रहेगा। ऐसे में तेज धूप के बीच बाहर निकलने से बचना ही उचित रहेगा। यदि आवश्यक ही हो तो जरूरी सावधानियों को अपनाकर बाहर निकलना ही हितकर रहेगा। वहीं बच्चों को बाहर ले जाने या बाहर जाने देने से रोकना होगा, क्योंकि वे अधिक संवेदनशील होते हैं। ऐसे में उन्हें बाहर खेलने से भी रोकना चाहिए।

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