मां ही होती है संपूर्ण जगत की माता-देवी पूजा

बिर्रा। मां विश्वेश्वरी मैय्या की पावनधरा ग्राम किकिरदा में पटेल परिवार द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिवस सती चरित्र, ध्रुव चरित्र और प्रह्लाद चरित्र की कथा का विस्तार से वर्णन करते हुए राष्ट्रीय कथावाचिका सुश्री पूजा किशोरी जी ने उपस्थित श्रोताओं को संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा से मंत्रमुग्ध करते हुए कहा कि मां ही संपूर्ण जगत की माता है इसलिए स्वयं जगदीश्वर अनेक रूपों में अवतार लेकर मातृत्व सुख प्राप्त करने अवतरित होते हैं। जैसा कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण रूप में दो (देवकी और यशोदा) माताओं का सुख प्राप्त किया वहीं त्रेतायुग में भगवान राम के रूप में तीन तीन (कैकई, कौशल्या और सुमित्रा) माताओं का मातृत्व वत्सल प्राप्त किए। उन्होंने कहा कि हममें ध्रुव जैसा अडिगता और प्रह्लाद जैसी भक्ति होनी चाहिए ताकि स्वयं भगवान को अपने भक्तों का दर्शन करना आना पड़े। और ऐसा ही हुआ भक्त ध्रुव की भक्ति से प्रसन्न होकर चक्र सुदर्शन धारण कर तथा प्रहलाद की भक्ति से नरसिंह अवतार लेकर प्रकट हुए। उन्होंने इस कलियुग में सत्संग और भजन कीर्तन को प्रमुखता दी। आज की कथा में बिर्रा से मिडिया प्रभारी जितेन्द्र तिवारी, ओमप्रकाश तिवारी, परमानंद पटेल, विजय पटेल-ज्योति पटेल, दिलहरण-श्रीमती पुनीमति पटेल, संजय पटेल -श्रीमती धनबाई पटेल, तुलसी पटेल, लखनलाल चंद्रा, हेमलाल पटेल, पन्नालाल पटेल सहित बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु शामिल हुए। आज चतुर्थ दिवस की कथा में समुद्र मंथन वामनावतार श्रीराम कथा और श्री कृष्ण जन्मोत्सव नंदोत्सव मनाया जाएगा।