मानसून के रेंगना नवा बहुरिया कस जनावत हे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। ए बखत मानसून ह नवा बहुरिया बरोबर हुलू-हुलू लजावत-शरमावत आवत हे काहत हें जी भैरा।
अच्छा.. फेर आने बछर तो बने झमाझम कड़कड़ गरजत आॅंखी फरकावत आवय जी कोंदा।
आवय तो जी संगी.. फेर ए बछर 8 जून के सुकमा जिला म बिना धूमधड़ाका के अभरगे काहत हें.. आने बछर मौसम वैज्ञानिक मन जब जगदलपुर पहुँच जावय त आरो करावय, फेर ए बखत सुकमा म अभरते ही हुंत करा डारीन।
ले का होगे.. राजधानी के आवत ले अपन जुन्ना जोश म दिखे बर धर लेही कहिदे।
ठिकाना नइ जनावत हे संगी.. जेन किसम के मुक्का असन हुलू-हुलू आवत हे, तेकर ले अनभरोसील जनाथे.. कतका जुवर कोन तनी लरघिया के धपोर देही ते।
फेर मौसम वैज्ञानिक मन तो ए बछर बने हेलमेल बरसही काहत रिहिन हें ना?
उंकर मन के गोठ ल तो तहूं जानत हस.. जब बरसही कहिथें त लकलक ले घाम उवे रहिथे, अउ जब सुक्खा जनावत हे कहिथें त रदरद-रदरद तीन धार के रितो देथे।