छत्तीसगढ़

आजादी के गौरव ल मूल जगा म स्थापित करौ

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -राजधानी रायपुर के हिरदय म बसे जयस्तंभ ल तो तैं जानते होबे जी भैरा?
   -हव.. जानबे कइसे नहीं जी कोंदा.. हमर छत्तीसगढ़ के पहला शहीद वीर नारायण सिंह ल 10 दिसम्बर 1857 के इही जगा फॉंसी दिए गे रिहिसे.
   -हव सही आय.. एकरे सेती ए ठउर ल पूरा छत्तीसगढ़ ह गरब के साथ सुरता करथे अउ जानथे घलो.. फेर का तैं इहू जानथस के रायपुर म दू अउ जयस्तंभ हे?
   -एकर जानबा तो अभी हमला नइहे संगी!
   -असल म आजादी के गौरव के सुरता कराए बर रायपुर म तीन जगा जयस्तंभ के स्थापना करे गे रिहिसे, जेमा के लाखेनगर अउ खम्हारडीह म स्थापित करे गे आजादी के प्रतीक स्तंभ मनला उंकर मूल ठउर ले घुंचा के आन जगा मढ़ा दिए गे हवय, जिहां आज न तो कोनो जावय न उनला देखय.
   – अच्छा..!
   -हव.. इतिहासकार डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्रा जी के कहना हे, के लाखेनगर अउ खम्हारडीह दूनों जगा के जयस्तंभ ल शहर के विकास के नॉव म आने जगा मढ़ा दिए गे हवय उनला उंकर मूल जगा म वापस लान के स्थापित करे जाना चाही.

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