देश-विदेश

कृत्रिम बारिश की दिल्ली में हो रही है चर्चा, लेकिन क्या ये इस वक्त संभव है? समझिए पूरी बात

दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है, जिसके कारण स्कूल बंद करने और ऑफिसों को क्षमता घटाकर चलाने के आदेश दिए गए हैं। कृत्रिम बारिश पर विचार हो रहा है, लेकिन अगले दो हफ़्तों तक बादल न होने के कारण यह संभव नहीं है।

दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, कई जगह एक्यूआई 500 पार

दिल्ली सरकार ने कृत्रिम बारिश कराने के लिए केंद्र से मांगी अनुमति

लेकिन दिल्ली में फिलहाल कृत्रिम बारिश कराना संभव नहीं है

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर बना हुआ है। कई जगहों पर एक्यूआई 500 को पार कर गया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है। ऑफिस भी 50% क्षमता के साथ खोले जा रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए कृत्रिम बारिश यानी आर्टिफिशियल रेन की चर्चा हो रही है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी केंद्र सरकार से इसके लिए अनुमति भी मांगी है। लेकिन क्या फिलहाल दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराना संभव है? आइए बताते हैं।

क्या अभी कराई जा सकती सकती है कृत्रिम बारिश?

दिल्ली सरकार का कहना है कि उसने कई बार केंद्र को कृत्रिम बारिश का प्रस्ताव दिया है। लेकिन बार-बार अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। दरअसल, कृत्रिम बारिश कराने के लिए क्लाउड सीडिंग तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। इसके लिए आसमान में 40% तक बादलों का होना जरूरी है। अगर आसमान में पर्याप्त बादल नहीं होंगे, तो ये तकनीक काम नहीं करेगी। लेकिन दिल्ली के आसमान में अभी बादल नहीं है, ऐसे में इस तकनीक का प्रयोग संभव नहीं है। यानी इस समय दिल्ली में कृत्रिम बारिश कराना मुश्किल है।

क्या है मौसम की भविष्यवाणी?

दिल्ली में भले ही कोहरा और धुंध की चादर छाई हुई है, लेकिन आसमान में बादल नहीं है। इस वक्त राजधानी का मौसम साफ बना हुआ है। दिल्ली में अगले दो हफ्ते तक मौसम में कोई बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है। ऐसे में अगले 15 दिनों तक दिल्ली में बादल छाने की संभावना नहीं है। यानी दिल्ली में क्लाउड सीडिंग कराने के लिए अभी करीब दो हफ्ते इंतजार करना होगा।

कैसे काम करती है ये तकनीक?

बता दें कि क्लाउस सीडिंग तकनीक में बादलों के बीच से एयरप्लेन को गुजारा जाता है। इस एयरप्लेन के जरिए बादलों में सिल्वर आयोडाइड, ड्राई आइस और क्लोराइड छोड़े जाते हैं। ये केमिकल बादलों में पानी की बूंदें इकट्ठा करते हैं और ये धरती पर गिरना शुरू हो जाती हैं। इस तरह से कृत्रिम बारिश होती है। बारिश की वजह से आसमान में छाई धूल और धुंध पानी के साथ नीचे गिर जाती है और मौसम साफ हो जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker