छत्तीसगढ़
मेडिकल क्रांति के बेरा म घलो देशी तरीका कारगर जनाथे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -मेडिकल क्रांति के चकाचौंध म भले हम अपन देशी चिकित्सा के फायदा ल बिसरत जावत हन जी भैरा, फेर आजो कहूँ वोला आजमा लेबे त हजारों रुपिया के दवई ह बिरथा जनाथे.
-सिरतोन आय जी कोंदा.. अब देख ले पंदरही आगू मैं ह कोला बारी तनि जावत बेरा बिछल के गिर परे रेहेंव.. मेडिकल स्टोर ले डाॅक्टर के कहे मुताबिक कतकों असन गोली-दवई खाएंव.. का-का क्रीम मलहम कहिन तेनो ल बोथेंव, फेर पीरा ह जस के तस जी.
-अच्छा.. एको कनिक उरकत नइ रिहिसे कहिदे.
-कहाँ पाबे संगी.. आखिर म अपन डोकरी दाई के देशी तरीका के जोम जमाएंव.. अच्छा बड़का असन एक ठ गोंदली ल कुचर के कपड़ा म लपेट के दू ठन पुतका बनाएंव अउ तावा म सरसों तेल ल बने कड़का के चटा-चट जरे असन सेकेंव, तब जा के एदे हेलमेल बरोबर रेंगे पावत हौं.