नाग पंचमी पर बिरीतिय बाबा के दर्शन साथ में मेले का आयोजन

बिर्रा। नवीन सक्ती जिले के जैजैपुर विकासखंड के अंतर्गत बाबा बिरीतिया की पावन धरा ग्राम कैथा में हर साल की तरह इस बार भी 9 अगस्त नागपंचमी के दिन बाबा बिरीतिया का दर्शन करने के लिए श्रद्घालुओं का रेलमपेल भीड़ देखने को मिलेगा। वहीं इस दिन श्रद्घालु अपनी मनवांछित फल पाने के लिए सुबह चार बजे से दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती हैं। श्रद्घालुओं की भीड़ बाबा बिरीतिया को दर्शन करने के लिए दूर-दराज के भक्त अपने हाथ में नारियल और अगरबत्ती को लेकर बाबा बिरीतिया का दर्शन करने के लिए टूट पड़ती है। वहीं इस दिन भब्य मेला का आयोजन होने से लोग झूला घर और मिनी चिडिया घर का आनंद उठाते है। साथ ही साथ खिलौने तरह-तरह की दुकान को सजाया जाता है वहीं हर बार की तरह इस दिन बाबा बिरीतिया को नागलोक के लिए अपनी अलग पहचान बनाया है। आज भी बाबा बिरीतिया की महत्ता किसी से छिपी नहीं है। इसी कारण से दूर-दराज के श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इस नाग पंचमी के दिन को बाबा बिरीतिया कैथा में सबसे बड़ी यादगार दिन होता है। इसी कारण से बिरितीया बाबा के प्रसिद्घि को देखने के लिए बाहर से भक्तों की भीड़ जुटती है।
किवदंतियों के अनुसार एक बार कैथा में नाग सर्प गांव के बाहर एक गड्ढा में नाग सांप किसी चीज को निगल रहा था इसी बीच नाग सांप के जबड़ा मे फंस गया और नाग ने अपने स्तर से जबड़ा के बीच में फंसी चीज को निकालने का काफी प्रयास किया, किन्तु नाग सांप के जबड़ा से हड्डी बाहर नहीं निकल रहा था। और नाग सर्प पीड़ा और दर्द से काफी परेशान था। इसी बीच नाग सर्प ने गौटिया को स्वप्न में कहा गांव के बाहर एक गड्ढा में मेरे जबडा में कोई हड्डी फंस गया और मुझे बहुत परेशानी हो रही है। इतनी बात सुनकर गांव के गौटिया नाग सांप के बताए गड्ढा के पास पहुंच गया और इधर उधर तलाश करने लगा। नाग देवता गौटिया को दिखाई दिए और सर्प को देखकर गौटिया को डर लगा और नाग सर्प ने कहा कि गौटिया डरने की कोई बात नहीं है और गौटिया ने साहस करके नाग सर्फ के जबड़े में फंसी हड़्डी को बाहर निकाला। नाग सांप को दर्द से राहत मिला। इतने में नाग सर्प ने गौटिया को कुछ वरदान के लिए कहा परन्तु गौटिया ने मुझे कोई धन सम्पत्ति की जरूरत नहीं है बस मुझे एक वरदान दीजिए कि कोई भी सांप के काटने से किसी भी व्यक्ति की मौत नहीं होनी चाहिए। इस पर नाग सर्प ने गौटिया को वरदान दिया और अंर्तध्यान हो गए तथा गौटिया ने उसी जगह नाग सांप की स्थापना किया और आज ग्रामीणों की सहायता से भव्य मंदिर का निर्माण किया गया है। आज बाबा बिरीतिया का नाम लेकर वहां की मिट्टी खाने से सांप पीडित मौत के गाल से वापस लौट आते हैं। इसी कारण दूरदराज के लोग दर्शन करने के लिए नागपंचमी के दिन पहुंचते हैं। लोग दूध लाई और नारियल अगरबत्ती से नागदेवता की पूजा अर्चना कर अपनी मनोकामना पूरी करते हैं। मेले की व्यवस्था समस्त ग्रामवासी और हसौद तथा बिर्रा थाना पुलिस प्रशासन जुटे रहते हैं।
चाक चौबंद व्यवस्था
नागपंचमी को दर्शानार्थी की भीड़ हर वर्ष उमड़ पड़ती है। भारी भीड़ के चलते पुलिस द्वारा भारी चुस्त दुरुस्त व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया हैं। इससे श्रद्घालुओं को दर्शन में सुविधा होती है।