आस्था के व्यापार सज गे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -आस्था ऊपर व्यापार के रंग चढ़े म अब थोरको अबेर नइ होवय जी भैरा.
-हव जी कोंदा.. अब तो इहू कहि सकथन के व्यापार वाले मन आस्था ल अपन अनुसार रद्दा देखावत लोगन ल रेंगावत रहिथें.
-सही आय संगी.. अब एदे थोरके दिन म शुरू होवइया सावन के जोखा ल देख लेना.. हमर रायपुर के बजार ह कॉंवरिया मन के संसो करत अभी ले सजे ले धर ले हवय.. एक झन व्यापारी ह बतावत रिहिसे के लोगन जगा बेरा के कमी रहिथे तेही बात ल चेत कर के हमन कॉंवरिया के पूरा साजोसामान ल सिरिफ दस मिनट म पूरा कर देबो.
-अच्छा.. अइसे हे?
-हव.. वो बतावत रिहिसे के कॉंवर बर बॉंस के लकड़ी, वोमा बॉंधे बर दू ठ प्लास्टिक के लोटा.. कोनो पानी झन छलकय कहि के संसो करथें तेकर मन बर लोटा के आकार म बने ढक्कन वाले कलश अउ संग उनला बॉंधे बर डोरी.
-वाह भई..!
-अतकेच नहीं संगी.. कॉंवरिया मन के पहिरे खातिर टीशर्ट घलो एक ले बढ़ के एक छापा वाला.. अब तो इहू सुविधा हे के सादा टीशर्ट म अपन मनपसंद डिजाइन बनवा सकथस.