बरखा के पानी ल सकेलना जरूरी हे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। ए बछर मानसून ह हमर छत्तीसगढ़ म जल्दी आवत हे काहत हें जी भैरा।
ए तो बने बात आय जी कोंदा.. ए बछर बरखा घलो बने हेलमेल होही कहिके वैज्ञानिक मन आरो करावत हें।
हव जी प्रकृति तो अपन मया-दुलार ल बनेच देथे, बस हमीं मन ओकर बने गढ़न के जोखा सकेला अउ उपयोग नइ कर पावन, तेकर सेती कभू सुक्खा ते कभू पनिया दुकाल के अभेरा म पर जाथन।
ठउका कहे संगी.. अभी तक हमन बरखा के पानी ल पूरा सकेले के जोखा घलो नइ कर पाए हन, एकरे सेती जम्मो पानी नदिया नरवा ले बोहावत समुंदर म बोहा जाथे।
सही आय.. अभी घलो इहाँ के नदिया नरवा मन म कतकों जगा छोटे छोटे स्टाप डेम के जरूरत जनाथे, ठउका अइसने रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के घलो सही मायने म उपयोग नइ दिखय।
हव जी.. इहाँ के हर नदिया नरवा म पॉंच किमी के अंतराल म छोटे छोटे स्टाप डेम बनना चाही, वइसने रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम ल अनिवार्य करे जाना चाही।
होना तो चाही संगी फेर अभी तो सरकारी भवन म ही एकर ठिकाना नइए त आम लोगन के कतका सरेखा करबे।