छत्तीसगढ़ी बोली में छपा शादी का कार्ड, जिले मे चर्चा

बिर्रा। इस चकाचौंद की दुनिया में सादगी एवं छत्तीसगढ़ी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए तालदेवरी निवासी राम गोपाल साहू अपने सादी को यादगार बनाने के लिए ठेठ छत्तीसगढ़ी भाषा मे सादी का कार्ड छपवाया है इस अनूठी पहल से पुरे गांव सहित सामाजिकजनो ने उनके इस कार्य को सारहा और छत्तीसगढ़ी भाषा को उत्कृष्ट स्थान दिलाने सहभागी बनाने का संकल्प ले रहे है। जैसे-जैसे चित-परिचितो के पास यह ठेठ छत्तीसगढ़ी भाषा वाला कार्ड पहुंचते जा रहा है यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

तालदेवरी निवासी राम गोपाल साहू से जब पूछा गया की इस तरह के कार्ड छपवाने आप ने कैसे सोचा तो उन्होंने बताया कि शादियों का सीजन चल रहा है और लोग अपने प्रिय जनों के विवाह की तैयारी में लगे हुए हैं शादी में काफी चीजों की तैयारी करनी पड़ती है शादी में छपवाने वाला कार्ड बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वो पहली चीज है जो लोग शादी से जुड़ाव महसूस करते हैं। राम गोपल साहू ने बतया छत्तीसगढ़ राज्य के रूप में स्थापित आज 23 साल हो गया लेकिन आज भी शहरी क्षेत्र में छत्तीसगढ़ी भाषा केवल घरों तक सीमित हो जा रही है सार्वजनिक जगह में इसका उपयोग नहीं हो रहा है ऐसे में छत्तीसगढ़ी भाषा की ओर लोगों को प्रेरित करने के लिए यह प्रयास है।
दूल्हे के लिए इस्तेमाल हुआ दुलरवा बाबू
छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के साथ शुरू इस शादी में मजेदार बात है कि छत्तीसगढ़ी में दूल्हा और दुल्हन के नाम के आगे दुलरवा बाबू और दुलोरीन लिखा हुआ है। कार्ड के शुरुआत में लिखा गया है – मोर मयारू हमार कुल देवता आउ पुरखा मन के असीस से हमार अंगना मा परदेसी मया बधाय बर उछाह मंगल के सुघऱ कारज मड़ाय हवान जेमा हिरदे के गुरतूर भाव लेके ताहू ला नेवता नेवतन जेमा हमर….