शंखनाद व किर्तन भजन के साथ होता है बिर्रा के लोगों की सुबह

बिर्रा। पहले लोगों की सुबह मूर्गे की बांग से हुआ करती थी। पर यह परम्परा अब विलुप्त हो रही है। बिर्रा के लोगों की सुबह पिछले तीन-चार सालों से शंख ध्वनि और सीता राम राधे श्याम, रघुपति राघव राजा राम सहित किर्तन भजन व अन्य भजनों से हो रही है।इस परम्परा की शुरुआत प्रभातफेरी किर्तन मंडली दल कहार मुहल्ला ने की थी। जिसमें आज गांव के हर मोहल्ले से ग्रामीण सुबह 4.30-5 बजे महावीर चौक से गांव के विभिन्न मुहल्ले थवाईत मुहल्ला दीवान मुहल्ला, ठाकूरदेव मुहल्ला बस स्टैंड चौक होते हुए भाटापारा कंकालीन मंदिर चंडी देवी मंदिर होते हुए श्री बमभोले राम लीला मंडली में प्रभातफेरी करते हैं। यह प्रतिदिन सुबह शुरू हो जाता है। चाहे बारिश हो कि ठंडी हो प्रतिदिन भक्तों की टोली हनुमान जी की प्रतिमा, झंडा, शंख, मृदंग, झांझ मंजीरा के साथ भजन करते निकल पड़ते हैं। इनका स्वागत भी किया जाता है। इस परम्परा को नियमित आगे बढ़ाने छतराम कहार, खदा, सौखीलाल पटेल, दूजराम कश्यप, भूवनेश्वर कहरा, बरतराम आदित्य, संतोष आदित्य, महेश साहू, बुंदल, गोपाल श्रीवास, महेश ढीमर, दूजराम कश्यप, कैलाश महापात्र, विजय थवाईत, सुदर्शन दास, संतराम, अमन आदित्य, छोटेलाल, रामलाल, खोरवा पटेल सहित कहार मुहल्ला बिर्रा व ग्रामीण शामिल होते हैं।