छत्तीसगढ़

हाथी उत्पात के बड़का कारण उनला परिवार ले अलगियाना

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -हमर छत्तीसगढ़ म जंगली हाथी मन के उत्पात के अब तो रोजेच खबर आवत रहिथे जी भैरा.
   -हव जी कोंदा.. आज 12 अगस्त के विश्व हाथी दिवस के बेरा म एक पर्यावरण प्रेमी ह एकर बारे म बतावत रिहिसे के एकर खातिर जंगल म कमतियावत दाना पानी के संगे-संग विभाग के जिम्मेदार मन घलो कारण हें. वो विशेषज्ञ के कहना हे के नर हाथी ल जब 10 ले 15 बछर के हो जाथे, त उनला वोकर खुद के परिवार ले बरपेली अलग कर के दूसर समूह या आने जंगल म छोड़ दिए जाथे, सिरिफ ए सेती के एकेच खून ले वंशवृद्धि झन हो सकय.. अइसन बेरा म वोकर संग कतकों किसम के जोर जबर्दस्ती घलो करे जाथे.
   -वाह भई… अपन परिवार ले बिछड़ के फेर वो हाथी कइसे करत होही?
   -तैं खुदे गुन हमन कहूँ अपन परिवार के 10-15 बछर के लइका ल अलग कर देबो त वो जीए बर का-का करही? भइगे.. हाथी मन के घलो एती-तेती भटके अउ रार मचाए के इहू ह एक बड़का कारण आय.

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