बिर्रा में संतान सप्तमी कथा व्रत पूजा की गई


बिर्रा। भाद्रपद शुक्ल पक्ष सप्तमी को पुत्रों की दीर्घायु जीवन और घर में सुख समृद्धि और शांति के लिए माताओं ने संतान सप्तमी व्रत विधिवत पूजा अर्चना व कथा श्रवणकर की। आचार्य पं जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि इस व्रत की पूजन विधि को ऋषि लोमश ने माता देवकी को सुनाया जिसे धर्मराज युधिष्ठिर के पुछने पर भगवान श्री कृष्ण ने सुनाई थी। जिससे इस व्रत के प्रभाव से माता देवकी को स्वयं भगवान श्री कृष्ण प्राप्त हुए। इस व्रत में व्रती महिलाएं भगवान शिव और पार्वती की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजन करती है। इसमें मालपुआ का भोग लगाकर स्वयं प्रसाद ग्रहण करती हैं। आचार्य श्री बताया कि इस व्रत में चांदी के कड़े पर सात गांठ बांध कर पूजा अर्चना किया जाता है। संतान सप्तमी की पूजन कथा राजमहल बिर्रा एवं महावीर चौक थवाईत, केशरवानी, नामदेव मुहल्ले में विशेष रूप से संपन्न हुआ।