जांजगीर-चांपा

पिछले 6 सालों से बिना डॉक्टर के चल रहा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र

बिर्रा। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा पिछले 6 सालों से बिना चिकित्सक के चल रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में सन् 2018 से लेकर आज तक ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सक के द्वारा चिकित्सक का कार्यभार संभाला जा रहा है। जो आम नागरिकों और मरीजों के समझ से परे हैं। कुल मिलाकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है।

गौरतलब है कि जांजगीर चांपा जिला के जनपद पंचायत बम्हनीडीह में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी बम्हनीडीह के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में विकासखंड चिकित्सा अधिकारी बम्हनीडीह श्री आजमबर सिंह सिसोदिया का लापरवाही एवं उदासीनता के कारण चिकित्सक के स्थान पर ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सक को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा का प्रभार देकर स्वास्थ्य विभाग अपना पल्ला झाड़ लिया है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में मरीजों का न ही सही इलाज किया जा रहा है और न ही उचित सलाह मिल पा रहा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा के प्रभारी कमल किशोर बरेठ मूल पद ग्रामीण स्वास्थ्य चिकित्सक इलाज के नाम पर मजाक बना कर रखा है। चिकित्सक अधिकारी ग्रामीण क्षेत्रों को ध्यान नहीं देने के कारण जिसके चलते क्षेत्र के लगभग 50 हजार मरीजों को झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराने मजबूर हो रहे हैं। इसके बावजूद भी सड़क दुर्घटना और मारपीट की शिकायतें थाना बिर्रा में हमेशा आती रहती है। उसमें भी डाक्टरी मुलाहिजा करने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में डॉक्टर के अभाव के कारण बम्हनीडीह ले जाया जाता है। जिससे आम लोगों का समय और रुपए दोनों बर्बाद होता है। अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में डॉक्टर की रहने से समय की बचत होगी और अधिक दूरी तय करना भी नहीं पड़ेगा। इसके साथ ही धनराशि भी बच जाता। पिछले दिनों कई बार सड़क दुर्घटना में लोगों की जान चली गई थी। इसके बावजूद भी महानदी में लाश मिलने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में डॉक्टर के अभाव में पोस्टमार्टम नहीं हो पाता है। जिसके कारण परिजनों को शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए मृतक को लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बम्हनीडीह जाना एवं वापस लाना भी पड़ता है। चार पहिया वाहन किराया करने से लोगों को अधिक राशि देना पड़ रहा है। जिसके कारण मरीजों और मृतक के परिजनों को आर्थिक और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बहरहाल कारण चाहे जो भी हो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिर्रा में शासकीय डॉक्टर नहीं होने के कारण मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जो स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारी के लापरवाही एवं उदासीनता का उजागर करता है।

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