जांजगीर-चांपा

सत्य की परीक्षा का पर्व बहुला चौथ व्रत कथा

कल होगी बहुला चतुर्थी व्रत पूजन

बिर्रा। भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्थी को पुत्रवती माताएं अपने संतान की खुशहाली, सुख, समृद्धि और दीर्घायु जीवन की मंगलमय कामना के लिए यह व्रत रखती है। आज इस पवित्र व्रत की पूजन कथा सायंकालीन समय में मनाया जाएगा। इस संबंध में राजपुरोहित पं जितेन्द्र तिवारी ने बताया कि भाद्रपद की शुरुआत होते ही त्यौहारों की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। कल 22 अगस्त को पुत्रवती माताएं बहनें अपराह्न समय से गौरी कलश स्थापना कर मिट्टी का गाय, सिंह और बछड़े की की पूजा अर्चना कर विधिवत कथा का श्रवण करते हैं। उन्होंने बताया कि सत्य की परीक्षा का यह व्रत कथा में स्वयं श्री कृष्ण बहुला नामक गाय की सत्यनिष्ठा की परीक्षा लेने सिंह का रूप लेकर गाय के सामने प्रकट होते हैं पर गौ माता जरा भी बिचलित नहीं होती और सौगंध खाकर अपने बच्चे को दूध पिलाकर वापस लौटने की शपथ में सफल हो जाती है। अंततः बहुला गाय की शपथ से प्रभावित होकर भगवान अपने वास्तविक स्वरूप में आते हैं और प्रसन्न होकर वरदान देते हैं कि गौ माता के रूप में तुम्हारी पूजा होगी। पौराणिक कथाओं के अनुसार हर वर्ष भाद्रपद कृष्ण पक्ष चतुर्थी को संतान की खुशहाली और समृद्धि की मनोकामना को लेकर यह व्रत किया जाता है।

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