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राष्ट्रीय समन्वय समिति ने दुनिया की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए की बैठक

दिल्ली। विश्व की सबसे बड़ी अनाज भंडारण योजना के लिए राष्ट्रीय स्तर की समन्वय समिति ने आज सोमवार को नई दिल्ली सहकारिता मंत्रालय में अपनी पहली बैठक की। इस दौरान समिति ने 11 राज्यों में अपने पायलट प्रोजेक्ट के स्थिति की भी समीक्षा की गई, जिसे पिछले साल शुरू किया गया था।

इस योजना के तहत भारत सरकार की विभिन्न मौजूदा योजनाओं, जैसे कि कृषि अवसंरचना कोष (AIF),एग्रीकल्चर मार्केटिंग इंफ्रास्ट्रक्चर योजना (AMI), कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन (SMAM) प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना आदि के माध्यम से प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी स्तर पर विभिन्न कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की योजना है, जिसमें गोदाम, कस्टम हायरिंग सेंटरप्रसंस्करण इकाइयां, उचित मूल्य की दुकानें आदि शामिल होंगी।

इस अवसर पर सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. भूटानी ने बताया कि यह परियोजना भारत सरकार द्वारा शुरू की जा रही सबसे महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक है, जिसमें देश भर में इस योजना को लागू करने के लिए स्थानीय स्तरों पर गोदामों का निर्माण किया जाएगा।

500 अतिरिक्त प्राथमिक कृषि सहकारी सोसायटी बनाने की योजना

इस पायलट परियोजना को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) द्वारा नाबार्ड, भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), केंद्रीय भंडारण निगम (सीडब्ल्यूसी), नाबार्ड परामर्श सेवाएं (NABCONS) के सहयोग से संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू किया गया है। इसके अलावा, राज्य सरकारों, एनसीसीएफ, राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के सहयोग से 500 अतिरिक्त PACS में पायलट परियोजना का विस्तार किया जा रहा है।

इस दौरान परियोजना के तहत सहकारी संघों जैसे राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ और NAFED ने भंडारण क्षमता और अन्य कृषि अवसंरचना के निर्माण के लिए अतिरिक्त PACS की पहचान की । समिति के सदस्यों ने इस बात पर भी चर्चा किया कि इस योजना को राष्ट्रव्यापी स्तर पर कैसे आगे बढ़ाया जाए, जिसमें विभिन्न हितधारकों के साथ गोदामों को जोड़ने के संभावित विकल्प भी शामिल हैं।

बैठक के दौरान सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कृषि एवं किसान कल्याण सचिव, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण सचिव, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग सचिव, एनसीडीसी के प्रबंध निदेशक के साथ-साथ भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई), राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), भंडारण विकास एवं विनियामक प्राधिकरण के अधिकारीगण मौजूद रहे।

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