उद्देश्य ले भटक गे नक्सली मिशन

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। नक्सली आन्दोलन के शुरूआत भले आम लोगन के अधिकार, सुरक्षा अउ हित आदि मनला ले के होय रिहिस होही जी भैरा, फेर आज हमन छत्तीसगढ़ म इंकर मन के जेन किसम के चाल-चलन देखत हावन तेकर ले अइसन नइ जनावय के ए मन अपन मूल उद्देश्य म आज घलो डटे हुए हें।
सिरतोन कहे जी कोंदा.. एकर मन के कतकों अइसन उदिम हे, जे ह ए सोचे बर मजबूर कर देथे के ए ह अब सिरिफ नॉव भर के सैद्धांतिक आन्दोलन रहिगे हे।
हव भई.. अब इहाँ के पारंपरिक जड़ीबूटी के माध्यम ले बड़का बड़का रोग-राई के इलाज करइया वैद्यराज हेमचंद माँझी, जेला अभी पद्मश्री मिले रिहिसे, तेला मारे के धमकी देवई ह कोनो मेर ले फभे असन जनाथे का?
बिलकुल नहीं संगी.. ओकर ऊपर एक ठन लौह अयस्क खदान के दलाली करे के बात घलो अनफभिक जनाथे।
हव भई.. वैद्यराज ह खुद एकर खंडन करे हे, तभो ले पहिली ओकर भतीजा के इहीच आरोप म नक्सली हत्या होय रिहिसे अब वैद्यराज ल धमकी!