छत्तीसगढ़ के 23 जिलों में बिजली गिरने का यलो अलर्ट, अगले 3 दिन तक धीमा पड़ेगा मानसून

रायपुर। छत्तीसगढ़ में 3 दिन मानसून की रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ सकती है, लेकिन यह सुस्ती ज्यादा लंबी नहीं चलेगी। इसके बाद एक बार फिर बारिश तेज होगी। शनिवार को प्रदेश के 10 से ज्यादा जिलों में बारिश रिकॉर्ड की गई, जिसमें सरगुजा संभाग सबसे आगे रहा, जहां औसतन 70 मिमी बारिश दर्ज हुई। वहीं रविवार को भी मौसम विभाग ने सरगुजा सहित उत्तरी छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में गरज-चमक और बिजली गिरने का यलो अलर्ट जारी किया है, जबकि दक्षिण छत्तीसगढ़ के 13 जिलों में भी इसी तरह का अलर्ट जारी किया गया है। दूसरी ओर, रायपुर, दुर्ग और बेमेतरा जैसे मध्य छत्तीसगढ़ के जिलों में मौसम सामान्य रहने की उम्मीद है। तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखा गया है, जहां रायपुर में 37.4°C अधिकतम और पेंड्रारोड में 22.0°C न्यूनतम तापमान रिकॉर्ड किया गया है।
इसलिए आकाशीय बिजली धरती पर गिरती है
दरअसल, आसमान में विपरीत एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते-घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाते हुए आपस में टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है और वह धरती पर गिरती है। आकाशीय बिजली पृथ्वी पर पहुंचने के बाद ऐसे माध्यम को तलाशती है जहां से वह गुजर सके। अगर यह आकाशीय बिजली, बिजली के खंभों के संपर्क में आती है तो वह उसके लिए कंडक्टर (संचालक) का काम करता है, लेकिन उस समय कोई व्यक्ति इसकी परिधि में आ जाता है तो वह उस चार्ज के लिए सबसे बढि़या कंडक्टर का काम करता है। जयपुर में आमेर महल के वॉच टावर पर हुए हादसे में भी कुछ ऐसा ही हुआ।