छत्तीसगढ़

अभिव्यक्ति के आजादी ल आजो हे खतरा

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -छत्तीसगढ़ म पत्रकारिता के पुरोधा पं. स्वराज प्रसाद त्रिवेदी जी के जयंती कार्यक्रम के अध्यक्षता करत रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफुल्ल ठाकुर ह अभिव्यक्ति के आजादी ल आजो खतरा हे काहत रिहिसे जी भैरा.. उन काहत रिहिन हें के सत्ता आजो सवाल पूछई ल पसंद नइ करय.
-ए बात तो सही आय जी कोंदा.. पत्रकार मन जइसन साहित्यकार मन घलो अभिव्यक्ति के आजादी खातिर जूझत अउ खटत हें.. पत्रकार मनला तो सिरिफ सत्ता म बइठे लोगन अॉंखी तरेरे कस करथें, साहित्यकार मनला तो सत्ताधारी दल के चापलूस अउ उंकर आगू पाछू पूछी हलइया मन घलो भूंके-चाबे कस करत रहिथें.
-ए बात ल महूं आकब करे हौं जी संगी.. नेता मनले जादा वोकर पोसवा मन अभिव्यक्ति के आजादी के रद्दा म जादा अटघा डारथें.. साहित्यकार मन के बात ल लबारी अउ मनगढंत होय के भरम-जाल म उलझाए के उदिम करथें… कभू-कभू तो उनला शारीरिक, मानसिक अउ आर्थिक रूप ले नुकसान पहुंचाए के घेक्खरई अउ निर्लज्जता घलो कर डारथें.

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