छत्तीसगढ़

कोनो जगा तर्क संगत नइ जनाय इतिहास लेखन ह

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -अभी छत्तीसगढ़ सरकार ह अयोध्या जाके भगवान राम के दरस सेवा कर के आए हे जी भैरा.
   -ए तो निक बात आय जी कोंदा.. हमर मन के तो वोकर संग ममा-भॉंचा के नता हे, अइसन म दरस सेवा, मया-दुलार करना ही चाही.. फेर माता शबरी के धाम के नॉव म शिवरीनारायण के बोइर आदि उहाँ भेंट करे गिस तेने ह मोला थोरिक अनफभिक जनाइस.
   -अइसे काबर?
   -मोला लागथे के हमर इहाँ के इतिहास लेखन म थोरिक अतिशयोक्ति के भाव चढ़गे हे. रामायण म उल्लेखित माता शबरी के ठउर तो कर्नाटक राज्य के पंपा नदिया के तीर म हे, जिहां राम ह भाई लक्ष्मण संग सीताहरण के बाद गे रिहिसे. हमर छत्तीसगढ़ म तो माता सीता ह इहाँ ले उहाँ तक राम अउ लक्ष्मण के संगे म रेहे हे. महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिला के पंचवटी ले सीताहरण होए रिहिसे, त फेर तहीं बता सीताहरण के बाद राम लक्ष्मण ह वापस छत्तीसगढ़ आए रिहिसे ते आगू सुग्रीव के राज डहार गे रिहिसे?
   -सही आय जी महूं ल कतकों अकन बात ह तर्क संगत नइ जनावय, अइसने वाल्मीकि आश्रम के बात घलो हे, हमन तुरतुरिया ल कहिथन, जबकि असल म ए ह उत्तर प्रदेश म हे.

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