जांजगीर-चांपा

संस्कार भारती का कृष्ण जन्माष्टमी बिर्रा में सम्पन्न

बिर्रा। संस्कार भारती जिला इकाई सक्ती द्वारा आयोजित ‘कृष्ण जन्माष्टमी’ महोत्सव दिनांक 26/08/24 को आचार्य चाणक्य सभागार बिर्रा में सम्पन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में रितेश रमण सिंह (राजमहल बिर्रा), अध्यक्षता के आर कश्यप (जिलाध्यक्ष) तथा विशिष्ठ अतिथि डॉ. शुभम शुक्ला (संचालक, शुक्ला हेल्थकेयर हॉस्पिटल), मणिलाल कश्यप (सामाजिक कार्यकर्ता), लक्ष्मी देवांगन (से.नि. प्र. पाठक), जितेंद्र कृष्ण तिवारी, कमल खूंटे रहे।

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कार्यक्रम का शुभारंभ वृंदावन बिहारी लाल बालकृष्ण के तैल चित्र के समक्ष पूजा अर्चना कर किया गया। वैदिक मंत्रों का सुंदर सस्वर साम गायन बाल कलाकार पं.प्रवीण तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनोज तिवारी द्वारा किया गया। समस्त अतिथियों का सम्मान श्रीफल व तिलक वंदन कर किया गया। मुख्य अतिथि रितेश रमन सिंह ने कहा कि भगवान कृष्ण पूर्ण पुरषोत्तम है। उन्होंने अपने लीलाओं के माध्यम से समाज मे एक अद्भुत मिशाल पेश की। मणिलाल कश्यप ने कहा श्रीकृष्ण का जीवन का हर एक भाग हमे एक अद्भुत सिख प्रदान करता है। डॉ. शुक्ला ने कहा कि भगवान कृष्ण बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। उनकी नीतियों का अनुसरण कर हम आज श्रेष्ठ मनुष्य बन सकते हैं। लक्ष्मी देवांगन ने कहा कि इस बार की जन्माष्टमी के 6 तत्व (ग्रह नक्षत्र) ठीक उसी प्रकार हैं जैसे कृष्ण जन्म के समय थे। जितेंद्र तिवारी ने कहा कि कृष्ण वो हैं, जो गोपियों संग रास रचाकर भी योगेश्वर कहलाते हैं क्यूंकि श्री कृष्ण सृष्टि के महानायक हैं जिनकी लिलाओं से सभी मंत्रमुग्ध होने से नहीं बच सकते।

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सर्व प्रथम सरस्वती वंदना कु.सृष्टि कश्यप द्वारा प्रस्तुत किया गया। तबला संगत श्रवण थवाईत द्वारा किया गया। तत्पश्चात संस्कार भारती का ध्येयगीत “साध्यति संस्कार भारती एवं स्वागत गीत “स्वागत स्वागत आपका” पं०प्रवीण तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया। तबला संगत के.एल यादव द्वारा किया गया। सर्वप्रथम कु.आकांक्षा कैवर्त, तथा सृश्टि कश्यप द्वारा कृष्ण भजन प्रस्तुत किया गया। तबला संगत जयंत कश्यप द्वारा किया गया। भूपेंद्र कश्यप द्वारा “बाजे रे मुरलिया बाजे रे” राग मिश्र पीलू में अद्वितीय प्रस्तुति दी गई। तबले पर संगत श्री के एल यादव द्वारा किया गया। गंगा कहरा, चांदनी कटकवार के द्वारा कृष्ण वंदना प्रस्तुत किया गया। कु.मोना द्वारा “सुंदर मूरतिया”,भारत कश्यप तथा पल्लवी कश्यप द्वारा कृष्ण भजन “श्री कृष्ण गोविंद हरे मोरारी” गाकर माहौल जमाया गया। तबला संगत श्रवण थवाईत द्वारा किया गया। लखन कश्यप, श्रवण थवाईत द्वारा दादरा, जयंत कश्यप द्वारा “ओ मैया खोल दे बंधन मोरी” सूर भजन तथा पं०प्रवीण तिवारी द्वारा कृष्ण भजन ‘तेरीगलियों का हूँ आशिक” गाकर समा बांध दी गई। तबला संगत अरुण कश्यप द्वारा किया गया। कु.अंजलि नंदिनी प्रजापति द्वारा राग बैरागी प्रस्तुत किया गया। रिद्धि चौहान व नेहा द्वारा कत्थक प्रस्तुत किया गया। कत्थक में श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी, अच्युतम केशवं तथा श्रीराम चंद्र कृपालु भजुमन की प्रस्तुति दी गई। लक्ष्मी कहार के नेतृत्व मे नेहा कनक, राधिका, चंचल, भारती, नेहा, अदिति द्वारा सुंदर डांडिया नृत्य “राधा कैसे ना जले” प्रस्तुत किया गया। तपश्चात के आर कश्यप के द्वारा भैरवी में कृष्ण भजन तथा “श्री कृष्ण गोविंद हरे मोरारी” कीर्तन कराकर कार्यक्रम का समापन किया। तबला संगत के एल यादव द्वारा किया गया। आभार प्रदर्शन मनोज तिवारी द्वारा किया गया।

इस अवसर पर के आर कश्यप (अध्यक्ष), मनोज तिवारी (महामंत्री), जयंत कश्यप (सह महामंत्री), लखनलाल कश्यप (लोकविधा प्रमुख), श्रवण थवाईत (जिला कार्यकारिणी), व्याख्याता प्रेमलता साहू, छबि पटेल (प्र.पा.), पं.प्रवीण तिवारी, कृष्ण कश्यप, लक्ष्मी कहार, बैगा साहू, पीतांबर कश्यप, कमल खूंटे, प्रकाश चंद कश्यप, नोमन श्रीवास, भोजराम कहरा आदि गणमान्य संगीत प्रेमी उपस्थित रहें। उक्त की जानकारी मनोज तिवारी (महामंत्री) ने दी।

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