न्याय खातिर अन्याय के रद्दा

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -कभू-कभू न्याय दे बर बने कानून के कइसे दुरूपयोग करे के कोशिश करे जाथे, तेकर ठउका उदाहरण अभी कर्नाटक हाईकोर्ट म देखे बर मिले हे जी भैरा.
-कइसे ढंग के जी कोंदा?
-एक तलाक़ के केस म राधा मुनुकुंतला नॉव के महिला ह 6 लाख 16 हजार तीन सौ रुपिया हर महीना गुजारा भत्ता दे खातिर अरजी करे हे, जेमा जूता, चूरी, माला, मुंदरी अउ कपड़ा मन बर 15 हजार, घर म जेवन राॅंध के खाए बर 60 हजार, माड़ी के पीरा बर फिजियोथेरेपी खातिर चार ले पॉंच लाख.
-वाह भई.. तलाक़ के केस म अइसनो बर भत्ता माँगे जाथे जी?
-न्यायाधीश ललिता कन्नेगांति ह वोला चेतावत केहे हे- जब अइसन मन बर तोला पइसा चाही त खुद कमा.. वोकर वकील ल घलो चेताय हे- अदालत ल उचित कारण बतावत उचित राशि बतवौ नइते याचिका ल खारिज कर दिए जाही.