छत्तीसगढ़

पुरखौती परंपरा वैज्ञानिक रूप ले प्रमाणित होगे

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -हमर पुरखा मन के चलाए परंपरा मन आज वैज्ञानिक रूप ले घलो वाजिब जनाथे जी भैरा.
   -वोमन अपन लंबा अनुभव के आधार म परंपरा मन ल चलाए हावंय जी कोंदा त कइसे नइ वाजिब जनाहीं?
   -हव जी.. अब देखना हमर इहाँ एक पिता के संतान मन के आपस म बर-बिहाव नइ होवय.
   -हव नइ होवय.. भलुक अपन लहू के सग नता मनले घलो दुरिहा म बिहाव के परंपरा हे.. आज ए ह वैज्ञानिक रूप ले घलो वाजिब सिद्ध होगे हवय.. एके खून ले वंशवृद्धि करे म सिकलिन जइसन कतकों किसम के बीमारी के खतरा बाढ़ जाथे. तेकरे सेती हमर वन विभाग के अधिकारी मन घलो एकर चेत करथें, उहू मन जंगल के हाथी जइसन जानवर के नर ल 10-15 बछर के होइस, तहाँ ले वोकर परिवार ले अंते लेग के छोड़ देथे, तेमा एक खून ले वंशवृद्धि झन हो सकय.
   -हव जी.. अइसने बेर्रा लइका मनला कइसे गोंहगोंह ले भोगावत हे काहत घलो सुने हावन ना?
   -हौ.. आज इहू प्रमाणित होगे हावय, बेर्रा माने आज जे मनला हमन शंकर नस्ल कहिथन, वो मन सामान्य मन के मुकाबला जादा अउ जल्दी भोगाथे.

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker