प्रबुद्ध भारती का तुलसी जन्मोत्सव सम्पन्न

जांजगीर-चांपा। प्रबुद्ध भारती ग्राम बिर्रा के बैनर तले गोस्वामी तुलसीदास जन्म जयंती महोत्सव 05 अगस्त 2025 को बम्हनीडीह विकासखंड अंतर्गत आचार्य चाणक्य सभागार बिर्रा में सम्पन्न हुआ। जिसमें गोस्वामी तुलसीदास कृत राम चरित मानस के मुख्य वक्ता के रूप में पं०रामाधार तिवारी, पं०गीताराम तिवारी, पं० सनत तिवारी, महित्तर लाल साहू, लालहाराम कश्यप, रामशंकर कश्यप रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ भगवती विद्यादायिनी सरस्वती, श्रीरामचंद्र एवं गोस्वामी तुलसीदास जी के तैल चित्र पर पूजार्चना कर किया गया। सामवेदोक्त वैदिक मंत्रोच्चार पं०प्रवीण तिवारी द्वारा किया गया। पं०प्रवीण तिवारी सरस्वती वंदना तथा सृष्टि कश्यप के द्वारा गुरु वंदना का गायन किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनोज तिवारी द्वारा किया गया।
गीताराम तिवारी ने कहा कि भरत जी ऐसे पात्र हैं जो भगवान के अभिन्न स्वरूप हैं। जब भगवान राम वनवास के समय गंगा पार कर रहे थे। और ब्राह्मणों ने संकल्प कराते हुए जैसे ही कहा आर्यवर्ते भरतखण्डे भरत शब्द सुनते ही भगवान राम गिर पड़े। यह उनके प्रेम का प्रतीक है। पं०सनत तिवारी ने कहा कि रामचरित मानस की हर एक चौपाई, दोहा सोरठा, छंद श्लोक एक मानवता को सीख देता है। जिसे वही जानता है जो गूढार्थ ज्ञानी होता है। पं०रामाधार तिवारी ने कहा कि भगवान राम जब बाल्यकाल में खेलते थे तब स्वयं हार जानबूझ कर हारते और अपने अनुजों को स्नेह करते। भगवान राम का चरित्र हमें सिखाता है कि हमेशा जनमत सही नहीं होता बल्कि नीति सही होती है। यदि भगवान जनमत मानकर वनवास ना जाते तो रावण रूपी तम का नाश नहीं होता। ललहाराम ने कहा कि रघुनाथ जी के चरित्र में वो रस है जिसे एक बार पढ़ने से सुकून नहीं मिलता। बस पढ़ते रहो, पढ़ते रहो ऐसी इच्छा होती है। रामशंकर कश्यप ने कहा हनुमान जी अतुलित बल के धाम है। उन्हें अतुलितबलधामं कहा गया है। पर उनकी भक्ति ऐसी है कि अहंकार उन्हें छू तक नहीं पाया। अपनी अष्ट सिद्धि नवनिधियों का आधार प्रभु का प्रताप ही माना है। महत्तर लाल साहू ने कहा कि भगवान की कथा अनंत है पर सभी उसे अपनी-अपनी मति के अनुसार कहते, सुनते व लिखतें हैं। आभार प्रदर्शन मोहनलाल कश्यप द्वारा किया गया। इस अवसर पर बूधेश्वर कश्यप, पीताम्बर कश्यप, दुखुराम, कीर्तन कश्यप, जयेश कश्यप, नीलाम्बर सिंह, कमल खूंटे, भोगेन्द्र सिंह, सृष्टि, आशा उपस्थित रहे।