छत्तीसगढ़

राजनीति म जेती बम तेती हम

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। काली चुनई तिहार के पेटी मन के मुंह उघरई हे जी भैरा.. तोला ए बखत कइसे जनावत हे, काकर मूड़ म पागा खपही ते?

काकरो मूड़ म पागा खपय जी कोंदा हमला का करना हे.. हम तो जेन जीतथे, तेने ल फूल माला पहिराए बर चल देथन।

वाह.. ए तो बने बात आय.. वो जीतइया ह जानत थोरे हे के तैं काकर छापा के बटन ल मसके रेहे?

हव ना… आजकाल के राजनीति म अइसने चलत हे- जेती बम तेती हम।

हव जी.. अब तो एक घर म चार भाई रहिथे त चारों अलग अलग पार्टी म रहिथें, तेमा सत्ता म कोनो आवय, घर के एक सदस्य के माध्यम ले सत्ता संग जुड़े राहंय।

सिरतोन कहे संगी.. ओकरे सेती तो अभी फूल माला अउ मोतीचूर के लाड़ू के आडर देके आवत हावौं, जेन जीतही तेकर दरबार म ए मनला धर के जयकारा लगाए बर चल देबो।

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