संगीत चौसठ कलाओं का सरताज है : पं. जितेन्द्र तिवारी

बिर्रा। शारदा संगीत विद्यालय बिर्रा द्वारा आचार्य चाणक्य सभागार बिर्रा में आयोजित त्रिदिवसीय सुगम संगीत कार्यशाला के समापन दिवस के अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में पं जितेंद्र कृष्ण तिवारी (पत्रकार) रहे। अतिविशिष्ट अतिथि रामकिशोर देवांगन (शैक्षिक समन्वयक बिर्रा) रहे। विशिष्ट अतिथि पं देव प्रसाद तिवारी (महामंत्री, छ.ग. किसान संघ), कमल खूंटे (पत्रकार) एवं दुष्यंत कुमार साहू (जिला कार्यकारिणी, सदस्य, संस्कार भारती) रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ माँ शारदा की पूजा अर्चना से प्रारम्भ किया गया। वैदिक साम गायन मंत्रोच्चार एवं कार्यक्रम संचालन पं०प्रवीण कृष्ण तिवारी जी महाराज के द्वारा किया गया। मुख्य अतिथि पं जितेन्द्र तिवारी ने कहा संगीत चौसठ कलाओं का सरताज़ है। संगीत समाज मे उत्कृष्ट सम्मान तो दिलाता ही है, साथ ही रोजगार मुलक भी है। संगीत से मन को सुकुन मिलता है। वहीं रामकिशोर देवांगन ने कहा संगीत कला में निपुण व्यक्ति चाहे किसी भी क्षेत्र में चल जाये। उसे यथोचित सम्मान की प्राप्ति होती है। कमल खूंटे ने कहा आज संगीत मनोरंजन का माध्यम नहीं रह गया है, अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वागतयोग्य है। उद्बोधन पश्चात मुख्य प्रशिक्षक प्राचार्य के आर कश्यप द्वारा दो दिन सिखाए गए गीतों का पुनरभ्यास कराया गया। स्वल्पाहार उपरांत सभी विद्यार्थी यों के द्वारा अपनी प्रस्तुतियां दी गई। वह बहुत सराहनीय रहा। के आर कश्यप के द्वारा सरस्वती वंदना राग भैरवी, एन आर भारद्वाज द्वारा भजन, जयंत कश्यप के द्वारा गुरु वंदना, मुकेश कश्यप द्वारा राग भैरवी भजन, मास्टर पीयूष कश्यप की गणेश वंदना से सभी मंत्रमुग्ध हो गए। दुर्गेश कहार द्वारा ठुमरी (राग देश), पवन चंद्रा द्वारा राग सोहनी एवं पं.प्रवीण तिवारी ग़ज़ल प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम में शारदा सङ्गीत विद्यालय बिर्रा, शारदा, संगीत विद्यालय चिचोली, गुरुघासीदास संगीत महाविद्यालय हसौद, महावीर संगीत विद्यालय बम्हीनीडीह एवं शबरी सङ्गीत विद्यालय शिवरीनारायण के विद्याथियों का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में कुल 42 प्रतिभागी, 9 गुरुजन एवं 15 अभिभावक शामिल हुए।