जांजगीर-चांपा

हमारा वास्तविक स्वरूप सत्-चित्- आनंद का है : रत्नेश प्रपन्नाचार्य

महाराज दशरथ जी यदि चाहते तो अपने महल में ही विद्यालय की स्थापना कर सकते थे! लेकिन उन्होंने रघुनाथ जी को आश्रम में पढ़ने के लिए भेजा

विपरीत मौसम के बाद भी लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है

शिवरीनारायण। छत्तीसगढ़ के इस पवित्र धाम शिवरीनारायण में भगवान श्री शिवरीनारायण जी के चरण कमल में बैठकर हम सभी राम कथा का गुणगान और श्रवण करें। इन शब्दों के साथ अवधपुरी धाम से पधारे हुए अनंत श्री विभूषित श्री स्वामी रत्नेश प्रपन्नाचार्य जी महाराज ने शिवरीनारायण मठ महोत्सव के चतुर्थ दिवस के प्रथम सत्र का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि- जो दान करता है उसके यहां धन भी आती है! उस कमरे में हवा प्रवेश नहीं करती जिसमें वेंटिलेशन नहीं होती, नदी में नये पानी आते रहता है तालाब में नहीं। दान की भी यही प्रवृत्ति है। इसलिए दान की प्रवृत्ति को हमें बनाए रखना चाहिए। संस्कार ही व्यक्ति को संस्कारवान बनता है इसलिए संतों के पास बालकों को लेकर जाना चाहिए, इससे उन्हें संस्कार मिलेगा। “गुरु गृह पढ़न गये रघुराई। अल्प काल विद्या सब आई। भगवान रघुनाथ जी ने भी आश्रम में जाकर गुरु वशिष्ठ के पास विद्या अध्ययन किया। यदि चाहते तो महाराज दशरथ जी अपने महल में ही विद्यालय की स्थापना कर सकते थे! संतों के सानिध्य में ही उन्हें संस्कार मिला। हम सभी परमात्मा के ही अंश हैं, हम भी चैतन्य हैं और हम भी सहज सुख की राशि है। ध्यान रहे आप 24 घंटे क्रोध नहीं कर सकते! 24 घंटे इर्ष्या -द्वेष नहीं कर सकते! 24 घंटे काम में भी नहीं रह सकते लेकिन पूरे जीवन भर आनंद में रह सकते हैं। इसका तात्पर्य यही है कि हम ईश्वर के ही अंश है और हमारा वास्तविक स्वरूप सहज ही सत् चित् आनंद का है। उन्होंने कहा कि- हजारों दास- दासी होते हुए भी माता कौशल्या भगवान के लिए पकवान अपने हाथों से बनाती थीं, उसे अपने हाथों से नहलाती थीं। दो की सेवा हमें अपने हाथों से करनी चाहिए एक बालक की और दूसरा भगवान की।

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विपरीत मौसम के बाद भी लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है

शिवरीनारायण मठ महोत्सव में विपरीत मौसम के पश्चात भी लोगों की भीड़ उमड़ना प्रारंभ हो गया है चतुर्थ दिवस लोग हजारों की संख्या में यहां उपस्थित हुए‌। मठ मंदिर का विशाल प्रांगण दोपहर में खचाखच भरा हुआ था। लोग दूर-दूर से अपने परिवार सहित यहां पहुंचकर अपने भाग्य की सराहना कर रहे हैं। चतुर्थ दिवस कथा श्रवण करने के लिए न्यायमूर्ति टी पी शर्मा, जांजगीर चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर बृजेश मिश्रा, पर्यावरण संरक्षण मंडल के पूर्व सदस्य अनिल शर्मा, जिला कांग्रेस कमेटी रायपुर के अध्यक्ष गिरीश दुबे सहित राजीव लोचन ट्रस्ट कमेटी राजिम के सभी सदस्य, श्री दूधाधारी मठ रायपुर के ट्रस्टी गण तथा दूर -दराज से आए हुए लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे। महामंडलेश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज एवं शिवरीनारायण मठ के न्यासियों ने लोगों से अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर दर्शन लाभ प्राप्त करने की अपील की है।

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