छत्तीसगढ़

बेटी वाले मन जादा सुखी रहिथें

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -शिक्षा के अंजोर बगरे के बाद घलो लोगन अभी ले बेटा अउ बेटी म भेद करत अलहन कर डारथें जी भैरा.
-कइसे का होगे जी कोंदा?
-एदे अभी मस्तुरी क्षेत्र के गाँव किरारी ले खबर मिले हे, उहाँ के हसीन गोयल नॉव के माईलोगिन ह अपन चौबीस दिन के बेटी ल कुआँ म फेंक के मार डरिस.. वोकर कहना हे के सरलग तीन झन बेटी के होय ले घर परिवार म सम्मान नइ मिल पाही गुन के वो हाले म जनमे बेटी ल मार डरीस.. वोला असल म बेटा के चाह रिहिसे.
-तीन झन बेटी होगे रिहिसे त का होगे.. भई हमरो तो तीन झन बेटी हे, हमूं कहूँ वोकरे असन गुन के अलहन कर परे रहितेन त आज तो मरे बिहान हो जाए रहितीस.
-हव जी सही आय.. कतकों लोगन हें जेकर मन के तीन झन अउ वोकरो ले उपराहा बेटी हे, अउ देखत हावन के बेटी वाले मन आज के बेरा म जादा सुखी हें.
-मैं ह खुद एकर बड़का उदाहरण हौं.. आज मोर देंह-पॉंव के हालत ल तो देखत हस.. न कहूँ आ सकौं न जा सकौं.. तभो मोर नोनी मन ही मोर सरी जोखा करत हें.. सिरतोन काहत हौं कहूँ बेटा के चक्कर म परे रहितेंव त कोन जनी वो मन अतका करतीन ते नहीं ते?

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