गरच चमक के बेरा झन ओधौ पेड़ के छॉंव म

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। जहाँ घुड़ुर-घाड़र के दिन आइस तहाँ ले गाज गिरे के खबर आय लगथे जी भैरा।
सिरतोन आय जी कोंदा.. अब कालेच देख ले, मोहला अउ कवर्धा के रेंगाखार ले गाज गिरे के खबर आइसे, तेमा के रेंगाखार म तो एक झन ह तुरते मरगे, मोहला के कोरलदंड नर्सरी म घलो 15 झन मजदूर मन घायल होगें।
ए गाज गिरे वाले घटना म तैं एक चीज ल चेत करे हावस संगी.. दूनों जगा के लोगन आंधी पानी ले बॉंचे खातिर पेड़ के छॉंव म लुकाए रिहिन हें।
हां.. इहीच ह तो गड़बड़ होय हे.. जब कभू लउकना चमकना, गरजना संग पानी गिरथे त कभू भी पेड़ के छॉंव म नइ ओधना चाही, काबर ते पेड़ पौधा अउ लोहा के खंभा आदि मन आकाशीय बिजली जेला हमन गाज कहिथन, तेला अपन डहार आकर्षित करथे.. अच्छा हे के अइसन बेरा म हम कहूँ भॉंठा या खेत के बीच म हावन, त उही जगा चुरूमुरू होके कलेचुप बइठ जावन।