किसी भी यज्ञ में यजमान वहीं बनते हैं जिन्हें सत्कर्म, पितरों का आशीर्वाद प्राप्त हो : आचार्य पं राजेन्द्र महराज

बिर्रा। कश्यप परिवार बिर्रा में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के समापन दिवस सुदामा चरित्र का मार्मिक प्रसंग के साथ हुआ। समापन दिवस व्यासपीठ आचार्य पं देव कृष्ण महराज जी के पिताजी आचार्य पं राजेन्द्र महराज जी का शुभागमन हुआ और उन्होंने व्यासपीठ आचार्य को अपनी मंगलमय शुभकामनाएं देते हुए आयोजक परिवार सहित सभी उपस्थित श्रद्धालुओं को बताया कि जब कृपा होती है तो घर में पूजा पाठ होता है और जब भगवान की अति कृपा, अपना सत्कर्म और पितरों की विशेष कृपा होती है तो श्रीमद् भागवत कथा या किसी भी यज्ञ में यजमान बनने का सौभाग्य प्राप्त होता है। संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा का समापन यज्ञ हवन पूर्णाहुति सहस्त्रधारा चढ़ोत्तरी के साथ हुआ।
कथा श्रवण करने भगवान प्रसाद कश्यप, डॉ ईश्वर प्रसाद शुक्ला, गीताराम तिवारी, मनोज कुमार तिवारी, श्रवण कुमार थवाईत, अमरनाथ कश्यप, महाराम कश्यप, अभिराम कश्यप, देवचंद कश्यप, पितांबर कश्यप राजेश कश्यप, घनश्याम कश्यप, दीनदयाल जी, जिवेंद कश्यप, फेंकूं लाल, रितेश रमण सिंह, एकादशिया साहू, श्रवण कुमार कश्यप, जितेन्द्र तिवारी, मनोज देवलाल कश्यप, राजू कश्यप, भूपेन्द्र कुमार कश्यप, डाकेश्वर श्रीवास, सौखीलाल पटेल, कृष्णा कश्यप, पं ऋषि शर्मा, प्रांजल दुबे, चित्र भानू पांडेय सहित बड़ी संख्या में महिला श्रद्धालु एवं ग्रामीण शामिल हुए।