भक्त ध्रुव जैसा मन अगर निर्मल हो तो भगवान आज भी दौड़े चले आते हैं – पँ दीपककृष्ण महाराज

बिर्रा। रायगढ़ के समीपस्थ ग्राम पतरापाली (पूर्व) में समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में आज 18 मार्च सोमवार को कथा का द्वितीय दिवस कथा व्यास मंच में विराजमान छत्तीसगढ़ के प्रख्यात कथा व्यास पंडित दीपक कृष्ण जी महाराज ने भक्त ध्रुव चरित्र की कथा का भावपूर्ण वर्णन करते हुए समस्त कथा श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया उन्होंने कहा कि ध्रुव चरित्र हमें शिक्षा देती है की एक छोटा सा 5 वर्ष का बालक ध्रुव प्रभु भक्ति में लीन होकर के भगवान नारायण को प्राप्त कर लिया तो हम क्यों नहीं कर सकते मन में सच्ची श्रद्धा विश्वास हो तो आज भी भगवान किसी ना किसी स्वरूप में भक्तों को प्राप्त हो जाते हैं। महाराज श्री ने बताया कि पौराणिक कथा मानव जीवन के निर्माण के लिए सिद्धांतों का जनक है।
अतः संसार रूपी अरण्य में भटके हुए जीवो को परमात्मा के शरण रूप मंजिल तक ले जाने के लिए श्रीमद् भागवत की कथा प्रकाश पुंज है। जिसे आत्मसात करके कोई भी मनुष्य मुक्ति को प्राप्त कर सकता है। पतरापाली (पूर्व) में समस्त ग्रामवासियों के सहयोग से आयोजित श्रीमद् भागवत कथा में कथा श्रवण करने के लिए आसपास के ग्रामीण अपार भक्तों की भीड़ कथा पंडाल में पहुंच रही हैं समस्त भक्तों के लिए आयोजन समिति ने सर्व सुविधा युक्त व्यवस्था की हुई है। 17 मार्च से प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत की कथा 24 मार्च तक चलेगी समस्त भक्तों को कथा श्रवण करने के निमित्त आयोजन समिति सादर आमंत्रित करती है।