हिन्दी सम्पूर्ण भारत की मातृभाषा है – रमाकांत पांडेय

बिर्रा। हमारी संस्कृति हमारा धरोहर देश की राष्ट्र भाषा से निहित होती है और इस हिन्दी अध्ययन यात्रा हेतु आज मां चंडी की पावनधरा ग्राम बिर्रा में संचालित उच्च शिक्षा से नवीन महाविद्यालय बिर्रा का चयन होना अपने आप में गर्व की बात है। उक्त बातें केंद्रीय हिन्दी निदेशालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बैरिस्टर ठाकुर छेदीलाल महाविद्यालय जांजगीर के प्राचार्य प्रो. रमाकांत पांडेय ने कही। उन्होंने अपने सारगर्भित विचारों से हिन्दी भाषा की प्रासंगिक बातों को विभिन्न प्रांतों से आए महाविद्यालयीन छात्र छात्राओं से कहा कि जहां तक हो सके हमें ज्ञान की बातों को सीखनी चाहिए।

इसके पूर्व उपस्थित अतिथियों द्वारा मां सरस्वती की तैल्य चित्र पर दीप प्रज्वलित व पूजा अर्चना कर शुभारंभ किया गया। सरस्वती वंदना व स्वागत गीत महाविद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किया गया। अपने उद्बोधन में केंद्रीय हिन्दी निदेशालय दिल्ली से सारश्वत वक्तव्य हेतु डॉ किरण झा ने कहा कि केंद्रीय हिन्दी निदेशालय की स्थापना 1 मार्च 1960 को माननीय राष्ट्रपति के अधिसूचना के उपरांत इसकी स्थापना हुई और आज हिन्दी निदेशालय अपने 64 वें वर्ष में पहुंच चुका है। जिसका मुख्य उद्देश्य हिंदी का प्रचार प्रसार करना है। इस के लिए अनेक योजनाएं बनाई गई है। आगे भी हिंदी अध्ययन के लिए बड़ी योजनाओं पर विचार किया जा रहा है। कार्यक्रम के बीज वक्तव्य में अवकाश प्राप्त अधिकारी आचार्य देवधर महंत ने कहा कि मां चंडी देवी की पावनधाम ग्राम बिर्रा की पावन धरा को नमन है, जहां हिंदी अध्ययन यात्रा समूह का आगमन हुआ है और हिंदी अध्ययन पर चर्चा हो रही है। आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करनेवाले महाविद्यालय बिर्रा परिवार को बहुत बहुत बधाई एवं साधुवाद। कार्यक्रम को विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल आचार्य पं राजेन्द्र शर्मा जी ने कहा कि मैं जिस मंच से आज बोलने जा रहा हूं यह मेरे लिए बहुत बड़ी बात है क्यूंकि यहां सभी महाविद्यालयों को अपनी सेवा और अपना मार्गदर्शन देते हैं और मैंने कभी कालेज में रेगुलर पढ़ाई नहीं किया है तो मैं क्या बोलूं। उन्होंने मंंच के माध्यम से दीगर प्रांतों से आए हुए महाविद्यालयीन छात्र छात्राओं को अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। तीन महाविद्यालय की जिम्मेदारी निर्वहन करने वाले प्रोफेसर बीके पटेल ने कहा कि यह आपके ग्राम बिर्रा के लिए बड़े ही गौरव की बात है कि व्याख्याता मनोज कुमार तिवारी ने भी अपनी बातें रखीं। द्वितीय सत्र में वक्ता डॉ शिवदयाल पटेल ने राष्ट्रीय एकता में हिंदी भाषा एवम हिंदी फिल्मों के योगदान विषय पर बोलते हुए हिंदी की लोकप्रियता एवम व्यापकता पर प्रकाश डाला। कृष्णा यादव ने मुंशी प्रेमचंद की कलजयी कृति गोदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कृषक की समस्या व्यापक है। महेश राठौर मलय ने हिंदी एवम छत्तीसगढ़ी में अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए कहा कि कविता भावाभिव्यक्ति का सर्वोत्कृष्ट माध्यम है। कार्यक्रम के संचालक डॉक्टर हीरालाल शर्मा पूर्व प्राचार्य शासकीय नवीन महाविद्यालयीन बिर्रा ने साधनविहीन दूरस्थ ग्रामीण अंचल के कॉलेज में राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम की स्वीकृति पर केंद्रीय हिंदी संस्थान का आभार जताया। संस्था के प्राचार्य डॉक्टर मुकेश कुमार ने समस्त अतिथियों, आगंतुकों, ग्रामीणों एवम प्रतिभागियों के प्रति कार्यक्रम में सक्रिय सहयोग के लिए आभार प्रदर्शन किया। पुरातत्वप्रेमी नफीस कुरैशी के देश विदेश की प्राचीन एवम नवीन मुद्राओं की प्रदर्शनी को लोगों ने खूब सराहा। कार्यक्रम को सफल बनाने डॉ मुकेश कुमार, प्रो उत्तम सिदार, प्रो मोतीचंद अनंत, सौरभ शर्मा, टुरेशलाल चंद्रा, मनीषा चौबे, योगेश टंडन, रत्नेश भारती, प्रेमलता कश्यप, आकांक्षा गोपाल, पुरूषोत्तम साहू, बाबूलाल कुर्रे, प्रेमलाल कर्ष, मोहनलाल कश्यप, मोहन पटेल, रजनी पटेल, रितेश रमण सिंह छोटू बाबा, जितेन्द्र तिवारी, कमलेंद्र सिंह सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए। प्रथम दिवस संध्याकालीन समय में ग्राम के सौखीलाल पटेल टीम द्वारा फागगीत का आयोजन किया गया। रंग गुलाल लगाकर एक दूसरे को बधाई दी।

विशेष मो. नफीस कुरैशी सक्ती द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टाल आकर्षक का केंद्र रहा जहां पेपर मनी (देशी विदेशी), डाक टिकट, स्टाम्प पेपर, पुराने सिक्के का स्टाल का मुवायना दीगर प्रांतों से आए छात्र छात्राओं ने किया।