गंवई के स्कूल म जाए बर ढेरियाथें गुरुजी मन

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -आज ले लइका मन के शाला प्रवेशोत्सव शुरू होवत हे जी भैरा.
हौ होवत तो हे जी कोंदा.. अब गंवई के स्कूल मन म इही सब तो चलथे संगी.. पढ़ई-लिखई तो भगवाने भरोसा रहिथे.
-अइसे काबर कहिथस संगी.. बोर्ड परीक्षा मन म गाँव के लइका मन ही तो चारों मुड़ा गदर मचावत हें.
-कोनो-कोनो बड़का कस्बा के लइका मन गा.. नान-मुन गाँव के तो मरे बिहान हे.. कतकों गाँव मन के सरकारी स्कूल मन म तो लइका मन के हाजरी ले के लइक घलो गुरुजी नइ राहय, त पढ़ई-लिखई कहाँ ले होही?
-हव ए बात तो हे संगी.. छोटे गाँव मन म जाए बर गुरुजी मन ढेरियाथें.. बड़का असन कस्बा अउ शहर म ही ए मनला पढ़ावन भाथे.
-हव भई.. शहर के स्कूल मन म तो मार गोजगिज ले दुगुना अउ तीगुना संख्या म खुसरे रहिथें.. अउ गाँव के स्कूल मन सुन्ना परे रहिथे.
-एकर बर बड़का अधिकारी मन जादा दोषी हें संगी.. भेंट-उपहार के बलदा मयारुक मनला मनपसंद स्कूल म पठोवत रहिथें.