छत्तीसगढ़

मुनगा के माध्यम ले चलही कुपोषण के खिलाफ लड़ई

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। हमर इहाँ छट्ठी म छेवरहीन महतारी ल मुनगा बरी के साग खवाए के परंपरा हावय तेकर महत्व ल जानथस नहीं जी भैरा?

जानबे कइसे नहीं जी कोंदा.. मुनगा म भरपूर मात्रा म विटामिन अउ पोषण तत्व होथे जे ह छेवरहीन महतारी ल जल्दी तंदुरुस्त करे म सहायक होथे।

ठउका कहे संगी.. जइसे उरई के जड़ ल डबका के कॉंके पियाय के महत्व होथे ठउका वइसने मुनगा खवाए के घलो होथे.. अभी मुनगा के इही पुष्टई वाले महत्व ल समझ के लइका मन के कुपोषण ल दुरिहाय बर बस्तर के महिला एवं बाल विकास विभाग ह कुपोषित लइका के घर के संगे-संग आंगनबाड़ी मन म मुनगा पेड़ लगाए अउ ओकर साग खवाए के उदिम करे के निर्णय लिए हे।

ए तो बने बात आय संगी.. मुनगा के फर के संगे-संग ओकर फूल अउ पाना ह घलो जबर पुष्टई के होथे एकरो मन के उपयोग लइका मन के जेवन संग करे जा सकथे.. कुपोषण के खिलाफ हथियार बनाए जा सकथे।

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