खेल

खेलइया मन बर संन्यास खातिर आने शब्द गढ़े जाय

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले

जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -बड़ दिन म भारतीय क्रिकेट टीम ह टी-20 विश्व कप ल जीते हे जी भैरा अउ इही जीत के संग कप्तान रोहित अउ विराट ह संन्यास के घोषणा घलो कर डारे हे.
-जीत ह तो खुशी के बात आय जी कोंदा.. फेर अतेक कम उमर म रोहित अउ विराट के संन्यास ले के बात ह मोला अलकर जनावत हे.
-अरे वाह.. अलकर काबर संगी.. एक उमर के बाद तो खेलकूद म कमी देखेच म आथे.. ए तो बने होगे के ए मन विश्व कप जीते बाद संन्यास खातिर ठउका बेरा ल चुने हे.
-अच्छा त ए मन खेल ले संन्यास ले हवयं जी.. मैं ह हमन‌ जइसे गृहस्थ जीवन ल छोड़ के वानप्रस्थ के रद्दा धर लेथन तइसन संन्यास समझत रेहेंव.
-हत तो बइहा कहीं के.. अरे भई ए मन अब सिरिफ टी-20 क्रिकेट म हमर देश के टीम भर ले नइ खेलय बाकी मनला खेलत रइहीं, जइसे के आईपीएल, टेस्ट अउ वनडे क्रिकेट होथे तइसन मनला.
-ओहो.. मैं आने समझ परे रेहेंव संगी.. मोला लागथे के एकर बर संन्यास के बलदा अउ कुछू आने शब्द के प्रयोग करना चाही, काबर ते संन्यास के भाव तो गृहस्थ जीवन ल चुकता छोड़ के वैराग्य के रद्दा धर लेना होथे, फेर ए मन अइसन कहाँ करथें?

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