अपन सुविधा बर मोहलो मोहलो

सुनना भैरा – गोठिया कोंदा “कोंदा-भैरा के गोठ” – सुशील भोले
जांजगीर फर्स्ट न्यूज़। -विधानसभा म फोकटइहा गढ़न के गोठ म घलो एक-दूसर ऊपर कॉंय-कॉंय करइया पक्ष-विपक्ष के विधायक मन जब खुद के साधन-सुविधा बढ़वाय के बात आथे, त कइसे एक-दूसर संग खॉंध जोरे मोहलो-मोहलो हो जाथें जी भैरा.
-चारों मुड़ा के सरकारी सुख-सुविधा भोगे बर ही तो ए सब राजनीति म आए हें जी कोंदा त अइसन तो करबे करहीं.
-हव जी.. काली विधानसभा अध्यक्ष के पगरइती म एकर मन के सुविधा के बढ़ोत्तरी खातिर होय बइठका म एको कनिक तो चिहुर सुने ले मिल जातीस.. सब हॉंसी-खुशी एकफेंट होके विधायक, पूर्व विधायक आदि मन के सुविधा बढ़ाने वाला प्रस्ताव ल शासन डहार बढ़ा देइन.
-अइसने होथे संगी.. कहे भर के जनसेवा बर राजनीति म आए हन कहिथें, असल म स्व-सेवा ही इंकर मुख्य उद्देश्य होथे.. बाकी जनता मनला देखाय बर उंकर गोठ ल लेके आपस म खुडवा तो खेलतेच रहिथें.