संगीत विश्वविद्यालय के निरीक्षक दल ने किया संगीत महाविद्यालय का निरीक्षण

हसौद। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ से संगीत विद एवं गीतांजलि की मान्यता के लिए आये निरीक्षण दल द्वारा दिनांक- 07/08/24 को गुरु घासीदास संगीत महा विद्यालय हसौद (सक्ती) का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण दल में आशुतोष चौरे (प्रशासनिक अधिकारी), प्रो. शिवाली बैस, प्रो.लिंकेश्वर वर्मा शामिल हुए। सर्वप्रथम उनके द्वारा माँ शारदा के तैलचित्र के समक्ष दीप प्रज्ववलित कर पूजन किया गया। अतिथियो का स्वागत के आर कश्यप, आर के सोनवानी, एन आर भारद्वाज के द्वारा अंगवस्त्र व पुष्पमाला श्रीफल से किया गया। कार्यक्रम का संचालन मनोज तिवारी द्वारा किया गया।
आशीर्वचन स्वरूप प्रशाशनिक अधिकारी आशुतोष चौरे ने कहा संगीत आज सिर्फ मनोरंजन का ही नहीं बल्कि रोजगार मूलक साधन है, संगीत नाद ब्रह्म है। मानव तन भी संगीत से जुड़ा हुआ है। तालों का वादन भी (ठाह) हृदय स्पन्दन गति से होता है। प्रो.वर्मा ने कहा कि जिस प्रकार शास्त्रों में कहा गया है कला संगीत हीन मनुष्य पशु के समान है अतः सभी विद्यार्थियों को अध्ययन के साथ ही साथ संगीत शिक्षा अनिवार्य रूप से ग्रहण करनी चाहिए, संगीत ईश्वर द्वारा मनुष्य मात्र को दिया गया वरदान है। प्रो.शिवाली बैस ने कहा कि संगीत चतु:शठ कलाओं का प्रधान तत्व है, जीवन ही संगीत है। आदि काल से भारत संगीत का गढ़ रहा है। भारतीय संगीत आरोग्यवर्धक भी है। आभार प्रदर्शन प्राचार्य के आर कश्यप के द्वारा किया गया। इस अवसर पर के आर कश्यप, आरके सोनवानी, एनआर भारद्वाज, मनोज तिवारी, दुष्यंत साहू, चितेश्वर चंद्रा, गजेंद्र यादव आदि उपस्थित रहे।